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Gaurela pendra Marwahi: उसूलों का नहीं, मामला वसूली का…अफसर की उगाई कर रहे रेत माफिया के कर्मचारी…पुष्पा की तर्ज पर वसूली और तस्करी का खेल…

सिंडिकेट की प्रमुख विभाग का नगर सैनिक…सतीश साहू….?

Gaurela pendra Marwahi: जिले में इन दिनों पुष्पा मूवी की तर्ज पर कार्य हो रहा है,आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि लाल चंदन की तस्करी और वसूली के सिंडिकेट को पुष्पा ऑपरेट करता था परन्तु गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कोयला,मुरूम,गिट्टी,मिट्टी,रेत,की तस्करी और वसूली के सिंडिकेट को ऑपरेट कोई माफिया नहीं बल्कि खनिज विभाग में पदस्थ नगर सैनिक सतीश साहू करता है, और इनको संरक्षण देने वाले विभाग के आला अधिकारी है, जिनके द्वारा खुलेआम सिंडिकेट को ऑपरेट करवाया जा रहा है, नियम विरुद्ध सालों से पदस्थ कर्मचारी सतीश साहू को अन्यत्र नहीं भेजा जाता ,क्योंकि अगर सतीश साहू का अन्यत्र तबादला किया गया,तो वसूली के इस सिंडिकेट को ऑपरेट कौन करेगा ??

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदेश भर के जिला खनिज अफसरों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए थे कि जिले भर में अवैध रूप से उत्खनन परिवहन पर जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए, परिवहन में लगे वाहनों के रजिस्ट्रेशन भी खनिज नियमों के अंतर्गत होना चाहिए लेकिन जिले में पदस्थ अधिकारी अपनी मनमर्जी पर उतारू होकर माफियाओं को खुली छूट दे रहे हैं जिलेभर में अवैध रूप से जहां रेत बजरी मुरम व पत्थर का अवैध खनन परिवहन चल रहा है।

भ्रष्टाचार की ‘रेत’ पर फिसलते अधिकारी, 

खनिज विभाग में पदस्थ अधिकारी खनिज माफियाओं से मोटी रकम वसूल कर अपना बैंक बैलेंस बनाने में लगा हुआ है जबकि सरकार के राजस्व खजाने को करोड़ों रुपए का चूना बड़ी ही आसानी से माफिया अधिकारियों के साथ मिलकर लगा रहे हैं। बगैर कागजातों के चल रहे अवैध रूप से वाहनों पर कार्यवाही करने में खनिज अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं बल्कि वसूली ना देने वाले वाहन को निशाना बन रहे हैं।

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