भ्रष्टाचार की नई कहानी, मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्य को मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से खोदकर पूर्णता प्रमाणपत्र दिए जाने की लापरवाही उजागर,,,,

भ्रष्टाचार की नई कहानी, मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्य को मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से खोदकर पूर्णता प्रमाणपत्र दिए जाने की लापरवाही उजागर,,,,
क्या है….. पूरा मामला..
सौरभ साहू/सूरजपुर,, सूरजपुर जिले के प्रेमनगर स्थित ग्राम पंचायत कोटया में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्य को मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से खोदकर पूर्णता प्रमाणपत्र का नागरिक बोर्ड चस्पा करने का मामला प्रकाश में आया है। प्रेमनगर के वनाँचल क्षेत्रों में न तकनीकी सहायक पहुंच पाते हैं, न ही इंजीनियर और न कोई बड़े अधिकारी, इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत में पदस्थ कर्मचारी रोजगार सहायक द्वारा मनमानी तरीके से ग्राम कोटया के कोकमा नाला का जीर्णोद्धार कार्य में शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए मजदूरों की जगह मशीन से खोदवाकर नाला के कार्य को जीर्णोद्धार कराकर मामला को पूर्णता दिखाते हुए यहां पर बड़ा खेल कर दिया गया है। कोकमा नाला को जनहित एवं समुदायिक निस्तार एवं पशु पक्षी एवं जीव जंतुओं के पीने की पानी की उपलब्धता कराने के उद्देश्य से शासन ने स्वीकृति प्रदान किया था, चूंकी कार्य को मजदूरों की जगह मशीन से कराकर पूर्ण होने का प्रमाण पत्र लगा दिया गया है।
यह सूचना पटल नागरिकों की जानकारी हेतु शासन के निर्देश पर प्रत्येक स्टीमेन्ट पर आदेश किया जाता है कि कार्य पूर्ण होने के उपरांत ही स्वीकृति राशि मूल्यांकन राशि
योजना स्थल का नाम, कार्य का नाम मानव दिवस कार्य प्रारम्भ तिथि, पूर्णता दिनाक सहित अन्य जानकारी बोर्ड में अंकित होना चाहिए। किन्तु रोजगार सहायक द्वारा मनमानी करते हुए तकनीकी सहायक के मार्गदर्शन में कमीशन तले दबे तकनीकी सहायक द्वारा आँख बंदकर के मूल्यांकन करते हुए पंचायत के रोजगार सहायक एवं सरपंच को लाभ पहुंचाने का काम किया है, इस तरह मनमानी तरीके से जनपद में विराजमान अधिकारी कर्मचारियों द्वारा मोटी कमीशन लेकर इस तरह के निर्माण कार्यो एवं जीर्णोद्धार के सामुदायिक कार्यों में खुलेआम बट्टा लगाया जा रहा है।
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि कोकमा नाला में जेसीबी मशीन से काम हुई है, गिने चुने मजदूर काम किये शेष बड़ा काम मजदूरों से कराया गया है जिससे यहां के लोगों को मजदूरी करने अन्य गांव या पंचायतो में जाकर करना पड़ता है। यह विडंबना ग्रामीणों और मजदूरों के साथ निरंतर किया जा रहा है, जिसकी शिकायत गांव के लोगों ने जनपद के अधिकारी से किया था लेकिन आज तक इस संबंध में कोई जांच न कोई कार्यवाही नहीं किया गया। इसी वजह से यहां पदस्थ रोजगार सहायक द्वारा अपने मनमानी तरीके से काम करके शासन के राशि का खुलेआम दुरूपयोग कमीशनखोरी और निजी कार्यों मे बेखौफ अंजाम देते है, इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जांच व कार्यवाही की मांग किया है।