गौरेला पेंड्रा मरवाही:- प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता: शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर उठे सवाल….?

गौरेला पेंड्रा मरवाही:- प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता: शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर उठे सवाल….?
गौरेला पेंड्रा मरवाही:-शिक्षा विभाग आखिर सवालों के घेरे में क्यों, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मरवाही में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान गंभीर अनियमितता सामने आई है। इस पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय की प्राचार्य स्नेहलता शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
मामले की शिकायत जिले के कलेक्टर को की गई थी। कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मरवाही प्रफुल्ल राजा द्वारा की गई प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि विद्यालय में 10 मई 2025 को लॉटरी प्रक्रिया पूरी कर 11 मई को मुख्य चयन एवं प्रतीक्षा सूची सूचना पटल पर चस्पा की गई थी।
हालांकि, 12 मई को विद्यालय द्वारा एक नई सूची तथा प्रतीक्षा सूची जारी की गई, जिसमें पहले की सूची की तुलना में कई बदलाव पाए गए। जांच में विशेष रूप से यह सामने आया कि प्रतीक्षा सूची में शामिल प्रतीक राय — जो विद्यालय के ग्रंथपाल दिनेश राय का पुत्र है — को नई सूची में मुख्य चयन सूची में स्थान दिया गया।
यह स्पष्ट रूप से नियमों के विरुद्ध है और लॉटरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्न खड़े करता है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि प्राचार्य का अपने स्टाफ पर नियंत्रण नहीं है और विद्यालय ऐसे मामलों में सतर्क नहीं रहा है।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी इस विद्यालय से संबंधित कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं। अब जब जांच में गड़बड़ी सिद्ध हुई है और प्राचार्य को नोटिस जारी कर दिया गया है, तो यह देखना अहम होगा कि प्रशासन अगला कदम क्या उठाता है – क्या केवल जवाब तलब किया जाएगा या कड़ी कार्रवाई होगी..?
कारण बताओ नोटिस का जवाब असंतोषजनक होने पर:हो सकती है….?
निलंबन (Suspension): प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर, शासकीय नियमों के अनुसार प्राचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा सकता है।
स्थानांतरण (Transfer): उन्हें प्रशासनिक दृष्टिकोण से अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है, ताकि निष्पक्षता बनी रहे और आगे जांच प्रभावित न हो।