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राशन कार्ड में दर्ज हैं हजारों मृतक – सिस्टम की चूक से मृतकों के नाम पर उठ रहा राशन

राशन कार्ड में दर्ज हैं हजारों मृतक – सिस्टम की चूक से मृतकों के नाम पर उठ रहा राशन

रायपुर:- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले में पिछले एक साल में 10,361 राशन कार्ड धारकों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक अधिकांश मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटाए नहीं गए हैं। नतीजतन, इन मृत सदस्यों के हिस्से का राशन हर महीने अन्य सदस्य उठा रहे हैं, जिससे सरकारी खाद्यान्न वितरण में भारी गड़बड़ी हो रही है

खाद्य विभाग द्वारा एक माह पूर्व कराए गए भौतिक सत्यापन में यह खुलासा हुआ है। सत्यापन के दौरान राशन दुकानों के संचालकों से कार्डधारकों के जीवित या मृत होने की जानकारी मांगी गई थी, जिसमें यह चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया।

ई-केवाईसी ने खोली पोल, कई नाम सिस्टम ने खुद किया ब्लॉक

राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ई-केवाईसी सिस्टम ने कई फर्जी नामों पर लगाम लगाई है। ई-केवाईसी के दौरान जिन लाभार्थियों ने फिंगरप्रिंट या फेस वेरीफिकेशन नहीं कराया, उनके नाम सिस्टम ने ऑटोमैटिक ब्लॉक कर दिए। इससे स्पष्ट हुआ कि ऐसे कई सदस्य वास्तव में अब जीवित नहीं हैं।

हालांकि, भौतिक सत्यापन में जिन मृतकों की जानकारी सामने आई है, उनमें से कई की मृत्यु ई-केवाईसी के बाद हुई थी। इसके चलते उनका नाम अब तक सक्रिय रहा और राशन का वितरण होता रहा।

विभागीय अनदेखी बनी कारण, अब हो रही कार्रवाई

रायपुर जिले के खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सत्यापन में 10 हजार से ज्यादा मृत सदस्यों की जानकारी सामने आने के बाद अब उनके नाम राशन कार्ड से हटाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने कहा कि माह के अंत तक सभी मृतकों के नाम हटाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

निष्क्रियता पर उठे सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विभाग समय-समय पर केवाईसी और डाटा अपडेट करता रहता तो इस तरह की गड़बड़ी सामने नहीं आती। यह मामला न केवल प्रणाली की खामी दर्शाता है, बल्कि सरकारी खाद्यान्न के दुरुपयोग और विभागीय अनदेखी को भी उजागर करता है।

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