लगातार भालुओं ने लोगों पर कर रहे हैं प्राण घातक हमला

लगातार भालुओं ने लोगों पर कर रहे हैं प्राण घातक हमला
भर्रीडाँड़/जीपीएम जिले के मरवाही विकासखंड के धरहर गाँव में आज सुबह दसमतियाबाई जब अपने बाड़ी तरफ का दरवाजा खोल कर बाड़ी में गई जहाँ मादा भालू दो शावकों के साथ उस पर झपट पड़े और घायल कर दिए उसके शोर मचाने पर आस पास के लोग दौड़े और भालुवों को जंगल की ओर भगा दिये इसके पश्चात आपातकालीन सेवा 112 के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरवाही ले जाया गया जहाँ इलाज चल रहा है ।लेकिन मानव वन्यजीव के बीच कब तक द्वंद चलते रहे गा इस पर कोई ठोस कार्य योजना जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों के पास नहीं है ।
धरहर गाँव के ग्रामीण अजय कुमार प्रजापती, देवशरण यादव, रामसिंह भैना, इनसे मिली जानकारी के अनुसार बाड़ी में इस समय मौसमी सब्जी और भुट्टा लगा हुआ है वहीं मादा भालू अपने शावकों के साथ छुपे हुए थे जिसे दसमतिया बाई भैना देख नहीं पाई और उस पर हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिए उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े और भलुवों को जंगल की ओर खदेड़ दिए ।फिर आपातकालीन सेवा 112 को काल कर बुलाये उसी के माद्यम से मरवाही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहाँ इलाज चल रहा है ।
बीडगार्ड शंकर मिश्रा, तिरकाल परिहार, ने बताया कि आज सुबह 6बजे के लगभग दसमतिया बाई भैना, पती श्री राम भैना उम्र 30 वर्ष को मादा भालू दो शावकों के साथ हमला कर घायल कर दिया गया है जिसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 112 के माध्यम से भेजा गया जहाँ उनका इलाज चल रहा है ।पूरा वन अमला जंगली जानवरों के निगरानी में लगा हुआ है ।
समाज सेवी प्रकाशचन्द राय ,दिलीप कुमार शाहू, अजीत कुमार राय, दुखीराम प्रजापती, प्रताप रजक, इनका कहना है कि आज के परिवेश में जंगली जानवरों के लिए जंगलो उनके खाने के लिए कुछ भी नहीं है इसका कारण वनों की अंधाधुंध कटाई, वन भूमि का अधिग्रहण आवासीय पट्टा, जिससे वनों का आकार घटते जा रहा है जिससे वन्य जीव रिहायशी इलाकों में आने लग गए हैं जामवंत परियोजना का पूरी तरह से हवा निकल गया है वह सिर्फ वन विभाग के फाइलों तक ही सिमट गया है ।धरातल में उतरना दूर रह गया है ।
क्या कहते हैं डॉक्टर हर्ष वर्धन मेहर बीएमओ मरवाही
इनका कहना है कि आज मार्निग में भालू प्रकर्ण का केश धरहर गाँव से आया है ।जिसका इलाज चल रहा है गम्भीर इस्थिति में नहीं है ।
वन परिक्षेत्र अधिकारी रमेश कुमार खैरवार जब इनका पक्ष जानने के लिए काल किया गया तो ये काल रिसीब नहीं करते हैं अगर इनको मीडिया वालों का कैमरा नजर आ गया तो ये अपने आप को कमरे में बंद कर लेते हैं ।