अन्य राज्यों से बेहतर मेडिकल कैशलेस सुविधा मिल सकती है छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने दिया आश्वाशन

अन्य राज्यों से बेहतर मेडिकल कैशलेस सुविधा मिल सकती है छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने दिया आश्वाशन
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया से मिला संगठन प्रदेश में जल्द से जल्द हो मेडिकल कैशलेस की बहाली
प्रदेश से एक नई खबर निकल कर आ रही है छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ के संरक्षक राकेश सिंह अपनी टीम के साथ आज स्वास्थ्य कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया से मिले जहां उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से छत्तीसगढ़ के 5 लाख कर्मचारी एवं उनके परिवार के स्वास्थ्य लाभ के लिए जल्द से जल्द मेडिकल कैशलेस लागू करने का आग्रह किया वहीं इस आग्रह को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य सचिव कटारिया ने यह आश्वासन दिया की अन्य राज्यों से बेहतर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस की सुविधा प्रदान की जाएगी कर्मचारी एवं उनके परिवार का स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे प्राथमिकता में रखा गया है आपको बता दें कि संगठन के द्वारा संगठन के निर्माण से लेकर आज दिनांक तक लगातार ज्ञापन के माध्यम से मुलाकात के माध्यम से ट्विटर के माध्यम से शासन के समक्ष अपनी बात रखते आ रहा है और संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार लाभ बंद राकेश सिंह ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कर्मचारी एवं उनके परिवार को मेडिकल कैशलेस सुविधा प्रदान नहीं की जाती तब तक हमारा संगठन प्रत्येक कर्मचारी और उसके परिवार को यह लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है एवं लगातार प्रयासरत है उत्तर प्रदेश दिल्ली झारखंड जैसे अन्य राज्यों में वहां के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस सुविधा प्रदान की जाती है तो हमारे छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को क्यों नहीं राकेश सिंह ने यह भी बताया की शासन के द्वारा मेडिकल प्रतिपूर्ति की सुविधा कर्मचारियों को दी जाती है मगर प्राथमिक स्तर पर इलाज हेतु कर्मचारियों को स्वयं का पैसा लगाकर इलाज करना पड़ता है कभी-कभी इलाज का खर्च इतना हो जाता है कि उसके लिए कर्मचारियों को अपनी जमा पूंजी अपने बच्चों के लिए लिए गए जमीन गने आदि तक बेचना पड़ता है अक्सर देखने में आया है कि हमारे कर्मचारी भाई इलाज के लिए कर्ज भी लेते हैं और मेडिकल प्रतिपूर्ति एक ऐसी टेढ़ी खीर है जो प्रत्येक कर्मचारी को समय सीमा के भीतर प्राप्त नहीं होती वहीं राज्य में कार्यरत भिलाई स्टील प्लांट एवं एसईसीएल के कर्मचारियों को इस प्रकार की किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आपको बता दे कि पिछले विधानसभा सत्र में भी छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा अपनी मांगों को रखते हुए ज्ञापन दिया गया था जिस ज्ञापन का यह असर हुआ कि विधानसभा सत्र में भी इस पर थोड़ा बहुत चर्चा हुई संगठन जिस प्रकार स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सचिव एवं अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर अपनी मांगों को रख रही है उस संगठन इस बात को लेकर अस्वस्थ है कि जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस सुविधा प्राप्त हो सकती हैप्रदेश संरक्षक राकेश सिंह ने यह भी बताया कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार मेडिकल कैशलेस लागू करती है तो इससे छत्तीसगढ़ के वित्तीय ख़ज़ानेमें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा बल्कि कर्मचारी और शासन के मध्य एक विश्वास का रिश्ता मजबूत होगा जिसका फायदा आने वाले समय में कर्मचारी और शासन दोनों ही उठाएंगे। संगठन की सदस्यों की टीम के द्वारा कई बार शासन स्तर पर इसे लागू करने हेतु बैठक भी हो चुकी है। मेडिकल कैशलेस कर्मचारियों के लिए एक अत्यंत जरूरी मांग है जिसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए आपको यह भी बता दें की छत्तीसगढ़ में या पहले ऐसा संगठन है जो अपनी एक सूत्री मांगों को लेकर काफी समय से लामबंद यदि मेडिकल कैशलेस लागू होता है तो इसमें बहुत बड़ी भूमिका छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ की होगी कुछ दिन पूर्व भी स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा मेडिकल कैशलेस में कार्यवाही करते हुए एक पत्र भी जारी किया गया था इसके बाद संगठन यह निश्चित कर चुका है कि किसी भी दिन कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस का लाभ प्राप्त हो सकता है। आज के इस ज्ञापन कार्यक्रम में राकेश कुमार सिंह
रायपुर संभाग अध्यक्ष देव प्रसाद साहू , प्रांतीय पदाधिकारी नागेंद्र देवांगन उपस्थित थे,,उक्त संपूर्ण जानकारी प्रदेश संयोजक पीयूष गुप्ता ने दी