खनिज माफिया पर सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक: राजनांदगांव के खनिज अधिकारी निलंबित

खनिज माफिया पर सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक: राजनांदगांव के खनिज अधिकारी निलंबित
रायपुर/राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में रेत के अवैध उत्खनन पर सरकार का बड़ा एक्शन सामने आया है। राजनांदगांव जिले के खनिज अधिकारी प्रवीण चंद्राकर को उनके कार्यों में लापरवाही और कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्य शासन के खनिज साधन विभाग द्वारा 15 जून को जारी आदेश के तहत की गई है।
❗ अवैध रेत खनन पर नियंत्रण में नाकाम
मंत्रालय (महानदी भवन, नवा रायपुर) से जारी आदेश में उल्लेख है कि अधिकारी चंद्राकर ने जिले में अवैध रेत उत्खनन और उसके परिवहन को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यह व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3(1) और 3(2) का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है। शासन ने इसे कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की है।
📌 रायपुर किया गया मुख्यालय नियत
निलंबन अवधि में प्रवीण चंद्राकर का मुख्यालय भूविज्ञान एवं खनिकर्म संचालनालय, रायपुर नियत किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
🔫 मोहड़ा गोलीकांड के बाद बढ़ा दबाव
गौरतलब है कि हाल ही में राजनांदगांव के मोहड़ा गांव में अवैध रेत खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर माफियाओं द्वारा गोलीबारी की सनसनीखेज घटना हुई थी। इस वारदात ने न केवल प्रदेश भर में हड़कंप मचा दिया, बल्कि शासन-प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए। जनाक्रोश और मीडिया दबाव के बीच यह कार्रवाई सामने आई है।
👮 थाना प्रभारी भी नप चुके हैं
एक दिन पहले ही सोमनी थाना प्रभारी को निलंबित किया गया था, जिन पर रेत माफिया से सांठगांठ के गंभीर आरोप लगे थे। अब खनिज अधिकारी पर भी कार्रवाई से साफ है कि सरकार अब अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
⚖️ आगे और सख्ती के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निलंबन सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में रेत माफिया से जुड़े अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खनिज माफियाओं और उनके संरक्षकों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।