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सड़क सुरक्षा व्यवस्था में चालानी कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान , दुर्घटनाओं के अन्य कारकों पर उदासीनता…..

सड़क सुरक्षा व्यवस्था में चालानी कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान , दुर्घटनाओं के अन्य कारकों पर उदासीनता…..

सौरभ साहू/सूरजपुर 29 जून 2024  तेजी से बढ़ते सड़क दुघर्टना के मामले में  एनएच हो, राज्य मार्ग हों या ग्रामीण सड़कों के चौक चौराहों और मोड़ पर बेजा कब्जा भी आए दिन दुर्घटनाओं के कारणों में शामिल हैं। मगर इस अहम पहलू पर  प्रशासन हो या फिर यातायात पुलिस के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका उदाहरण नगर निकाय हों या  ग्रामीण इलाकों के चौक चौराहों, खतरनाक मोड़ और गांव को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के आसपास ठेला और कच्चे मकान बनाकर कब्जा करने के मामले बढ रहे है। इसके कारण सामने से आ रहे वाहन के चालक एक दूसरे को देख नहीं पाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती है। जिसके कारण या तो वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है। दुर्घटना को रोकने के लिए इन स्थानों से अतिक्रमण हटाना आवश्यक हो गया है। मगर जिला प्रशासन व यातायात पुलिस का चालानी कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान है।।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में शामिल मुद्दे भौतिक,,, धरातल पर नहीं हो रहे साकार
सड़क सुरक्षा समिति की हुई बैठक में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए दुर्घटना जन्य क्षेत्रों में बड़े- बड़े संकेतक बोर्ड लगाने, स्पीड़ ब्रेकर, रेडियम, सीट बेल्ट, हेलमेट, बेसहारा मवेशियों व पशुओ को सड़क से हटाने, यातायात नियमों का पालन के लिए जनजागरूकता सहित सभी आवश्यक उपाय करने का निर्णय लिया गया था लोक निर्माण, राजस्व, नगरीय निकाय , शिक्षा एवं यातायात पुलिस के समन्वय से सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करने की बात अधिकारियों ने कही थी,, बैठक में जिले के दुर्घटना संभावित चौक चौराहों- तिराहों, मोड़, संकीर्ण पुल – पुलिया आदि की जानकारी के साथ दुर्घटना रोकने के उपायों की जानकारी दी गई थी। बैठक में दुर्घटना जघन्य क्षेत्रों में गति अवरोधक बनाने, संकीर्ण पुल का चौड़ीकरण सहित सड़कों से अतिक्रमण हटाने, अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करने की आवश्यकताओं पर जोर दिया गया था। इसके साथ ही साथ  दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उच्च न्यायालय ने भी एनएचएआई के अधिकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग व नगर पालिकाओं के अधिकारियों को अपने- अपने क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए  मगर इसके बाद भी गंभीरता से अमल नहीं किया गया। कुछ स्थानों से ठेला खोमचों को हटाकर खानापूर्ति कर दी गई है। वहीं यातायात पुलिस के द्वारा केवल यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई कर औपचारिकता निभाई जा रही है। सड़क दुर्घटना में कमी लाने कारगर उपायों के तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुछ स्थानों में संकेतक बोर्ड लगाकर खानापूर्ति की जा रही है
बड़ी अनहोनी का इंतजार……
एक तरफ सड़क दुर्घटना रोकने के लिए यातायात पुलिस द्वारा अभियान चलाकर वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिए गए निर्देशों के बाद भी चौक चौराहों और मोड़ से कब्जा अभी तक हटाया नहीं गया है और न ही राजस्व और पुलिस विभाग के द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है। जबकि चौक चौराहों और खतरनाक मोड़ पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। शायद प्रशासन के साथ पुलिस को भी बड़ी घटना का इंतजार है,, अब देखने वाली बात होगी की समाचार प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की क्या भूमिका होगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा।।

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