
बिलासपुर- जीसान अंसारी बिलासपुर – इस साल आपदा प्रबंधन विभाग का माथा ठनका हुआ है सैकड़ो कि संख्या मे संर्प दंश का मामला सामान्य मौत पर भी लोग मुआवजा पा रहे हैं। सबसे बड़ा आधार संर्प दंश को बनाया जा रहा है। बेलगहना तहसील क्षेत्र के खोंगसरा, मोहली, तुलुप,व चुरेली,केंदा,कुरदार उमरिया समेत कई गांव में अचानक संर्प दंश से लोगो की मौत के मामले बढ़ रहे हैं। बेलगहना तहसील से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के कई गांव में सर्पदंश से लोगों की मौत होने पर मुआवजा लेने बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कईयों ने तो अपने परिवारजनों की सामान्य मौत होने पर उसे संर्पदंश बताकर 4 लाख का मुआवजा ले लिया है। कुछ के आवेदन जांच प्रक्रिया में फंसे है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक के हस्ताक्षर से तैयार पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनता है मुआवजे का आधार। यह लोगों के लिए एटीएम की तरह होता है,मगर कई बार प्राकृतिक आपदा जैसे हादसा, बिजली गिरने,सर्प दंश से बीमारी या अन्य वजहों से लोगो की मौत हो जाती है। लोगो की इसी परेशानी को देखते हुए सरकार प्राकृतिक आपदा से क्षति पर मुआवजा देती है चार गांव में फर्जीवाड़े की शंकाप्रद जानकारी मिल रही है दलाल किस्म के कुछ लोग मामले में एक्टिव होकर लोगो की सामान्य मौत पर भी मुआवजा बनवा रहे हैं। सबसे बड़ा आधार संर्प दंश को बनाया जा रहा है। बेलगहना तहसील क्षेत्र खोंगसरा के तुलुप,मोहली,टाटीधार, सोनसाय नवागांव,व चुरेली केंदा,इन गांव से तहसील स्तर पर बड़ी संख्या में मुआवजे के आवेदन पहुंच रहे हैं। कई लोगों ने मुआवजा उठा भी लिया है। बीते दिनों इन गांव से ही मुआवजे की संख्या अधिक हुई है। खास सूत्रों से जानकारी मिल रही है की दलालों का कहना है पुलिस डॉक्टर को जो हम कहेँगे वही करेंगे साथ ही मृतक के परिजनों को स्वयं को हाई कोर्ट का वकील बताकर गुमराह भी करते हैं हत्या या आत्महत्या मे मौत को रूपांत्रित कर कैसे बनाते हैं संर्पदंश जल्द बताएंगे अगली खबर मे