ऐसा क्या है DFO की चाबी वन क्षेत्रपाल मनीष श्रीवास्तव व वयारलेश ऑपरेटर के पास जो DFO गोयल रहता है चंगुल में जो नियमविरुद्ध रेंज ऑफिस में प्रभारी बना बिठाए रखें हैं ?

नज़र अंदाज़ तो DFO गोयल साहब की पुरानी आदत है क्योंकि…? गौरेला पेंड्रा मरवाही/ जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही वन मण्डल मरवाही में भ्रष्टाचार और भ्रष्ट सिस्टम पांव पसारे बैठे हैं। देखा जाए तो एक छोटा सा मात्र जिला गौपेमा है. परंतु यदि दूसरे सिरे से देखा जाए तो भ्रष्टाचार का गढ़ माना जा सकता है. सूत्र : कारण यह है कि जिले में जिम्मेदार अधिकारीयों की स्थानीय कर्मचारी आपने इसारे में काम करते है, यहाँ उच्च अधिकारीयों की नियम का मरवाही वनमण्डल रौनक गोयल खुले आम नियमों की धज्जिया उड़ाई जा रही है। बता दें रहें है की नियम विरुद्ध मनीष श्रीवास्तव को खोड़री रेज की प्रभारी बना दिया गया है। यहां पर वन विभाग में कोई ना कोई मामले में लिप्त रहते हैं. किंतु राजनेताओं के सपोर्ट के चलते इनको बचा लिया जाता है. यही कारण है कि, सबको खिलाएंगे और खुद भी गटकेंगे वाली नीतियों का पालन किया जाता है. बता दे सामान्य वन मंडल मरवाही वन परिक्षेत्र खोड़री परिक्षेत्र में विवादित मनीष श्रीवास्तव को प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी बना दिया गया है। ऐसा क्या है मनीष श्रीवास्तव जो एक उप वन क्षेत्रपाल होकर इतना पावर फुल ऐसी कौन सा चाबी रखा है। जिससे वन मण्डल मरवाही DFO व CCF अधिकारी तक नजर अंदाज कर रहे है। बता दें की नज़र अंदाज़ तो DFO रौनक गोयल साहब की पुरानी आदत है क्योंकि पुरसोत्तम कश्यप वयारलेश ऑपरेटर को स्टेनो बना कर रखे है जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बनकर विभाग में 14 साल से बैठा है और तो और दूसरे जिले से आकर यहां काम कर रहा है विभाग के सभी गोपनीय काम कर रहा है उसके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नही करी जा रही है। जो अपने अवैध कमाई से टिकर कला बांधा मुडा में लगभग 1 करोड़ की जमीन लेकर करोड़ों रूपए का आलीशान मकान बना कर जिले का ही निवासी बन गया है।