प्रबंधन समिति पर लगा रिश्वत मांगने की गंभीर आरोप, ऐसे क्यूं कृत्य को दिए अंजाम

प्रबंधन समिति पर लगा रिश्वत मांगने की गंभीर आरोप मांग, ऐसे क्यूं कृत्य को दिए अंजाम
प्रबंधन की मनमानी और प्रताड़ना के आगे विद्यार्थी त्रस्त
पेंड्रा/ लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बच्चों के भविष्य के लिए लाखों, योजनाओं ला रहे हैं, लेकिन मनमानी रवैया से त्रस्त, पत्र के माध्यम से बताया गया की,शासकीय शारिरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविधालय पेंड्रा प्रबंधन की मनमानी, भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के आगे छात्र मजबूर नज़र आते है। यहाँ पढ़ने वाले छात्रों का आरोप है कि जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते है और नियमित कालेज आते है उन्हें सही अंक न देकर रिश्वत लेकर अंक दिया जाता है। पिछले कई वर्षों से काशन मनी वापस नही नही किया गया है। पुस्तकालय, क्रीड़ा और जीम शुल्क लेने के बाद भी कालेज प्रबंधन उचित सुविधा उपलब्ध नही करा रही है। प्रेक्टिकल परीक्षा के लिए प्रति प्रशिक्षणार्थियो से 500 रुपए शुल्क लिया गया है जो यूनिवर्सिटी की तय राशि से कही अधिक है। वही जो प्रशिक्षणार्थी कई खेल प्रतोयोगिताओ में भाग नही लेते थे उन्हें अधिक अंक दिया गया है। वही व्याप शिक्षक संजय केवर्त पर कालेज की जीम सामाग्री को निजी एकेडमी के उपयोग में लाए जाने के आरोप है। छात्रों ने कलेक्टर से इसकी लिखित शिकायत की है और दोषी शिक्षको पर कड़ी कार्यवाही करके कालेज की दयनीय स्थिति को दुरुस्त करने की गुहार लगाई है।
इन पर लगे आरोप….?
शासकीय शारिरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रिंसिपल आर.जे. लाल, माया बैनर्जी, व्याप शिक्षक संजय केवर्त और क्लर्क श्रीवास के खिलाफ छात्रों ने कलेक्टर को शिकायत सौपा है।
जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी हुआ शिकायत
बता दे पेंड्रा के इस फिजिकल महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कार्यवाही करने की मांग रखी है। छात्रों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी की संलिप्तता से कालेज प्रबंधन मनमानी कर रहा है और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है।
रिश्वत मांगने का लगा आरोप
छात्र धर्मेंद्र कुमार ध्रुव ने प्रिंसिपल सहित शिक्षक माया बैनर्जी और संजय कैवर्त के द्वारा प्रेक्टिकल एक्ज़ाम में नंबर देने के ऐवज में 5 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोप लगाए है छात्र धर्मेंद्र कुमार ध्रुव ने इसकी लिखित कलेक्टर से की है। अब देखना होगा कि शासकीय शारिरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्रशासन क्या ऐक्शन लेती है