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स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़…जिला प्रशासन कब लेगा संज्ञान

शिक्षा बना व्यापार ,धड़ल्ले से बिना मान्यता के चल रहा प्राइवेट स्कूल का संचालन

मरवाही:- छत्तीसगढ़ में के कई जिलों के देखा गया है कि बिना मान्यता के पाइवेट स्कूलों का संचालन पर, कार्यवाही किया गया है,,बता दें कि ऐसे ही ताजा मामला जीपीएम जिले के मरवाही क्षेत्र के ग्राम सिवनी में संचालित नवचेतना केरला अंग्रेजी माध्यम स्कूल है, जिसमें कक्षा नर्सरी से 8 तक कि प्रवेश प्रारंभ का पंपलेट को छपवाकर अपने स्कूल में लोगों को आकर्षित कर, जबकि इस प्राइवेट स्कूल का किसी भी प्रकार का विभागीय मान्यता प्राप्त नहीं हुआ है फिर भी भोले भाले अविभावक का शोषण कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ऐसे स्कूल संचालक के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग।

स्कूल संचालक के द्वारा शिक्षा को व्यापार बनाकर बिना मान्यता के नियम विरुद्ध स्कूल संचालित किया गया है।

स्कूल संचालन और पंपलेट में अंतर,

पंपलेट बैनर में बताया गया कि नर्सरी से 8 तक क्लास संचालित होगी,, लेकिन बेव के निरीक्षण के द्वारा पाया गया कि नर्सरी से कक्षा पांचवी तक संचालित है….. यह एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है….?

शिक्षा बना व्यपार…?

आज के जमाने में शिक्षा एक व्यापार बन गया है। इसका कारण है शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती निजी भागीदारी। सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता की कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना चाहते हैं। इससे निजी स्कूलों की मांग बढ़ती जा रही है और वे अपनी फीस बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं,,और बना मान्यता ले स्कूल खोले जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला अरुण सिंह कछवाहा जिला शिक्षा कार्यलय कर्यरत है,,, RTE और प्राइवेट स्कूलों का विभाग दिया गया है। इस बिना मान्यता के संचालित विद्यालय कछवाहा की भूमिका संदिग्ध नजर आ रहा है

BEO मरवाही दिलीप कुमार पटेल

इसकी जानकारी मुझे मिलते ही मेरे द्वारा स्कूल में पहुंच कर निरीक्षण किया गया तो पता चला कि बिना विभागीय मान्यता के 1 जुलाई से विद्यालय संचालित है, जिसकी रिपोर्ट मेरे द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि बिना मान्यता के संचालित नव चेतना अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करती है…?

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