
• मनरेगा योजना के आकस्मिक व्यय का दुरुपयोग, और शसकीय राशि की बंदरबाँट, • जिला कलेक्टर से मामले में लिखित शिकायत कब तक होगा कार्यवाही..!
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जनपद पंचायत मरवाही में तात्कालीन कार्यक्रम अधिकारी पवन द्वेदी पर मनरेगा योजना के आकस्मिक व्यय का गलत इस्तेमाल कर अपने निजी वाहन में पेट्रोल डलवाने का गंभीर आरोप लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री द्वेदी ने मनरेगा के आकस्मिक व्यय से अपने निजी वाहन (वाहन क्रमांक CG10AW5432) में 35-40 बार पेट्रोल डलवाया, जिससे अनुमानतः ₹50,000 का अनुचित खर्च हुआ।
अनियमितता का खुलासा पवन द्वेदी पर आरोप है कि उन्होंने “मेसर्स माँ नागेश्वरी पेट्रोलियम” से प्रत्येक शुक्रवार को पेट्रोल भरवाया, जबकि शनिवार और रविवार को कार्यालय से अवकाश पर रहते हैं। इस मामले में खास बात यह भी है कि वह शुक्रवार को पेट्रोल भरवाकर अपने घर बिलासपुर रवाना हो जाते हैं और सोमवार को ही कार्यालय लौटते हैं।
कानूनी और शासकीय नियमों का उल्लंघन इस मामले में मनरेगा अधिनियम 2005, भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और 420 तथा छत्तीसगढ़ सरकार के सेवा नियमों के स्पष्ट उल्लंघन की बात कही जा रही है। • मनरेगा अधिनियम 2005: इस अधिनियम के अनुसार मनरेगा की धनराशि का उपयोग केवल योजना-संबंधी कार्यों के लिए किया जाना चाहिए, न कि किसी अधिकारी के निजी उपयोग के लिए। • भारतीय दंड संहिता धारा 409 और 420: धारा 409 के अंतर्गत श्री द्वेदी का यह कृत्य सरकारी धन का दुरुपयोग कर अपराध की श्रेणी में आता है, वहीं धारा 420 के अनुसार यह सरकारी निधि का अनुचित लाभ उठाकर धोखाधड़ी मानी जाती है। • छत्तीसगढ़ सेवा नियमावली: राज्य के सेवा नियमों के तहत अधिकारियों को ऐसी किसी भी योजना की राशि का निजी लाभ के लिए उपयोग करने पर सख्त मनाही है, और ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
अनियमितता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में गहन जांच की मांग की है, साथ ही दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए मनरेगा निधि का दुरुपयोग रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। साथ ही, अनियमित रूप से खर्च की गई राशि की वसूली भी आरोपी अधिकारी से किए जाने की मांग की गई है। इस गंभीर आरोप के मद्देनजर जनता और अधिकारियों में भारी असंतोष है और मामले की जांच की मांग तेजी से उठ रही है ताकि सरकारी निधियों का दुरुपयोग न हो और मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना का लाभ वास्तविक रूप से आम लोगों तक पहुंचे। आगामी अंक में इनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार की कहानी का होगा प्रकाशन