आकांक्षा गोलू जायसवाल की जीत के बाद भी विवाद खत्म नहीं,शपथ ग्रहण से पहले FIR की मांग, क्या आकांक्षा जायसवाल की कुर्सी खतरे में?

आकांक्षा गोलू जायसवाल की जीत के बाद भी विवाद खत्म नहीं,शपथ ग्रहण से पहले FIR की मांग, क्या आकांक्षा जायसवाल की कुर्सी खतरे में?
रायपुर;- बलौदाबाजार-भाटापारा की नवनिर्वाचित अध्यक्ष आकांक्षा गोलू जायसवाल के लिए सत्ता तक का सफर जितना कठिन रहा, उतना ही कठिन अब यह कुर्सी संभालना भी साबित हो रहा है। चुनाव से लेकर शपथ ग्रहण तक उनका रास्ता लगातार विवादों से घिरा रहा है। पहले भाजपा द्वारा आधिकारिक उम्मीदवार घोषित नहीं करने के कारण बवाल मचा, फिर नामांकन के दौरान भाजपा कार्यालय में हंगामे ने सुर्खियां बटोरीं, और अब सतनामी समाज के विरोध ने स्थिति को और भी पेचीदा बना दिया है।
अब सवाल उठता है कि क्या आकांक्षा जायसवाल इस चुनौतीपूर्ण दौर से निकलकर अपना कार्यकाल सुचारू रूप से चला पाएंगी? या फिर यह विवाद उनकी कुर्सी को और हिला कर रख देगा?
चुनाव से लेकर नामांकन तक: भाजपा कार्यालय में मचा था बवाल
आकांक्षा गोलू जायसवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन इससे पहले भाजपा के अंदर ही बगावत और असंतोष का माहौल देखा गया। चुनाव के दौरान ही भाजपा कार्यालय में भारी हंगामा हुआ। आरोप है कि अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे चल रहे एक उम्मीदवार को कार्यालय में बंद कर दिया गया, ताकि वे अपना नामांकन दाखिल न कर सकें। नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही उन्हें बाहर निकाला गया, जिसके बाद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। इस घटना ने न केवल पार्टी के भीतर कलह को उजागर किया, बल्कि जिला पंचायत चुनाव को भी विवादों के घेरे में ला दिया।अब शपथ ग्रहण से पहले नया विवाद, सतनामी समाज ने दर्ज कराई शिकायत
जब ऐसा लगने लगा था कि चुनावी विवादों से बाहर निकलकर आकांक्षा जायसवाल शांति से शपथ ग्रहण करेंगी, तभी सतनामी समाज ने एक नई चुनौती खड़ी कर दी।
आकांक्षा गोलू जायसवाल: क्या है पूरा मामला?
बलौदाबाजार जिले के ग्राम खैरी के पंच मुन्ना कोशले को उनके ही गांव के नेतराम धुव ने जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा गोलू जायसवाल एवं उपाध्यक्ष पवन साहू की ओर से सम्मान समारोह का एक आमंत्रण पत्र दिया।इस पत्र में “मुन्ना कोशले व समस्त हरिजन समाज” लिखा गया था।
“हरिजन” शब्द को अपमानजनक मानते हुए सतनामी समाज के युवाओं ने इस पर आपत्ति जताई और देर रात बलौदाबाजार कोतवाली पहुंचकर आकांक्षा जायसवाल एवं उपाध्यक्ष पवन साहू के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई
हरिजन” शब्द पर आपत्ति क्यों?
सुप्रीम कोर्ट पहले ही “हरिजन” शब्द के इस्तेमाल को अनुचित और अपमानजनक करार दे चुका है। समाज का मानना है कि यह शब्द उनके आत्मसम्मान के खिलाफ है और इसका उपयोग उनके लिए अपमानजनक टिप्पणी की तरह किया जाता है।कोतवाली पुलिस का बयान: जांच के बाद होगी कार्यवाही
पुलिस ने सतनामी समाज के आवेदन को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि मामले की जांच के बाद उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी। पुलिस के इस रुख के बाद मामला और गर्मा सकता है, क्योंकि अब यह सिर्फ एक सम्मान समारोह का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि कानूनी कार्रवाई तक पहुंच सकता है।इन्हीं कारणों से शपथ ग्रहण दो बार टल चुका है और अब देखना होगा कि यह तीसरी बार में संपन्न हो पाता है या नहीं।स्थिति को संभालने में जुटे भाजपा के वरिष्ठ नेता
लगातार बढ़ते विवादों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मामले को शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं।एक तरफ भाजपा के भीतर बगावत को काबू में रखना चुनौती बनी हुई है।
दूसरी तरफ अब सतनामी समाज की नाराजगी को दूर करना भी पार्टी के लिए बड़ी परीक्षा बन गया है।भाजपा के लिए यह मामला सिर्फ जिला पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आगामी चुनावों पर भी असर डाल सकता है।समारोह के आयोजन में बदलाव: पहले शपथ ग्रहण, फिर सम्मान समारोह
इस बार विवादों से बचने के लिए जिला प्रशासन ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम की रूपरेखा बदल दी है।बलौदाबाजार की जिला पंचायत अध्यक्ष पद की यह जंग अब भी खत्म नहीं हुई है। आकांक्षा जायसवाल की जीत के बाद भी उनकी राह लगातार मुश्किल होती जा रही है।